बैंगन की वैज्ञानिक खेती, Scientific cultivation of Brinjal

       Scientific cultivation of Brinjal  

Botanical Name - Solanum melongena

Family - Solonaceae

Chromosome No. - 24


बैगन एक अत्यंत महत्वपूर्ण  सब्जी है । इसकी खेती  प्राचीन काल से होती  आ रही है।

पोषण मूल्य - 

नमी- 92.70 ग्राम/ प्रति 100 ग्राम
प्रोटीन- 1.40 ग्राम/ प्रति 100 ग्राम
वसा - 0.30 ग्राम / प्रति 100 ग्राम
खनिज पदार्थ -  0.30 ग्राम / प्रति 100 ग्राम
रेसा - 1.30 ग्राम / प्रति 100 ग्राम
अन्य कार्बोहाइड्रेट - 4.00 ग्राम/ प्रति 100 ग्राम

जलवायु - 

 बैंगन उष्णकटिबंधीय जलवायु की सब्जी है। इसे लम्बे गर्म मौसम की आवश्यकता होती हैं। इसकी अधिकतर किस्मों के लिए पाले से मुक्त 3-4 मास का समय आवश्यक होता है। लम्बे फल वाली सब्जियों की अपेक्षा गोल फल वाली किस्म पाले के लिए अधिक सहनशील होती है। पौधों की अच्छी बढ़वार हेतु 20-30° सेंटीग्रेड तापमान सर्वोत्तम होता है।

भूमि -

उचित जल निकास वाली एवं उर्वर रेतीली दोमट भूमि जिसका ph 5.5-6.6 हो सर्वोत्तम मानी गयी है। 

किस्में - 

पंजाब बहार ,
पंजाब बरसाती,
पंजाब चमकीला,
पंजाब सदाबहार,
पूसा अनुपम,
पूसा भैरव,

भूमि की तैयारी -

 प्रथम जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें । इसके उपरांत 2-3 जुताइयाँ कल्टीवेटर या हैरो से करें।

बोने का समय - 

सर्द शिशिर फसल की रोपाई जुलाई अगस्त में की जाती है।
ग्रीष्म फसल की रोपाई जनवरी फरवरी में की जाती है।
बरसात वाली फसल की रोपाई मार्च अप्रेल में की जाती है।

बीज की मात्रा- 

एक हेक्टेयर खेत के लिये 400-500 ग्राम बीज की पौध पर्याप्त होती है।

खाद एवं उर्वरक - 

गोबर की खाद - 200-300 क्विंटल
नाइट्रोजन-100 किलोग्राम
फॉस्फोरस-60 किलोग्राम
पोटाश-40 किलोग्राम

पौधे की रोपाई -

पौधशाला से पौध निकालने के 2-3 दिन पूर्व हल्की सिंचाई पर देनी चाहिए , ताकि पौधे सुगमता से बिना जड़ों की हानि के उखाड़ा जा सके । 
पंक्ति व पौधे की दूरी 60×60cm 
गोल बैंगन की किस्म 75×60cm

सिंचाई-

बैंगन की अच्छी उपज के लिए 100 से 110 cm जल की आवश्यकता होती है।

उपज - 

उन्नत किस्म -200 से 300 क्विंटल 
संकर किस्म - 600 क्विंटल 

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