Weeds and their Management , खरपतवार एवं उसका नियंत्रण
खरपतवार
(Definition)–कृषि में खरपतवार एक प्रमुख समस्या है जो किसानों की अपनी, उगाई जाने वाली फसलों से पूर्ण लाभ नहीं उठाने देती। खरपतवार उगाई जाने वाली फसल को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हानि पहुंचाते हैं। इस प्रकार खरपतवार कृषक की प्रति इकाई क्षेत्र आय कम करते हैं।
वारों द्वारा की जाने वाली; फसल की पैदावार में हानि 50% से 70% तक ऑकी गई है। खरपतवारों द्वारा कभी-कभी खेतों से 150 किग्रा/हेक्टेयर नत्रजन (Nitrogen) उपयोग कर ली जाती है। विभिन्नवैज्ञानिकों ने खरपतवारों का विस्तृत अध्ययन करके खरपतवारों को निम्न रूप में परिभाषित किया है-
A weed is a plant growing where it is not desired.'' -Jethro Tull (1731)
खरपतवार वे अनइच्छित पौधे हैं, जो किसी स्थान पर बिना बोये उगते हैं और जिनकी उपस्थिति कृषक को लाभ की तुलना में हानिकारक अधिक है।
डॉ० बील (Bill) ने खरपतवार को निम्न रूप में परिभाषित किया है--
Weed is a plant grown, out of place.”
पीटर (Peter) के शब्दों में—“A weed is a plant whose potentialities for harm are
reater than its potentialities for good.''
(Principles of Weeds Control)
खरपतवारों की आसानी से रोकथाम की जा सकती है, यदि खरपतवारों के फैलने के बारे में ज्ञान हो खरपतवार अपने शीघ्र अंकुरण, फूलने व फलने के गुणों के कारण किसी क्षेत्र में बहत शीघ्रता से फैलते हैं।इसी कारण उनकी रोकथाम करना बहुत ही कठिन कार्य है।
खरपतवार की रोकथाम को आसान बनाया जा सकता है, यदि कार्यकर्ता, खरपतवारों का फसलों की तरह विस्तृत एवं गहन अध्ययन करके खरपतवारों की कमजोर बातों (Weak points) का पता लगा लें।विभिन्न खरपतवार अलग-अलग आदते, जीवन-चक्र, सहनशीलता, सुषप्तावस्था, प्रतिकूल अवस्थाओं के प्रति रोधकता जनन के तरीकों में भिन्नता रखते हैं। इस भिन्नताओं का खरपतवार की रोकथाम के लिये
।
अध्ययन करना आवश्यक है
(1) खरपतवारों का रहन-सहन (Habit of weeds)–रेगिस्तानी एवं शुष्क भूमि में खरपतवारों।
Yaronhvtic weeds) की रोकथाम के लिये यदि खेत में पानी भर दें तो वे नष्ट हो जायेंगे। जलमग्न भूमियों
के खरपतवार को नष्ट करने के लिये खेत को कुछ समय तक सूखा छोड़ना या खेत से पानी का निकास
करना लाभप्रद सिद्ध होता है।
(2) खरपतवारों का जीवन-चक्र (Life-cycle of the weeds)–एकवर्षीय, द्विवषीय एवं बहुवर्षीय
खरपतवारों के जीवन-चक्र में भिन्नता पाई जाती है। एकवर्षीय खरपतवारों को फूल आने अथवा बीज बनने
से पहले नष्ट कर देना, रोकथाम में काफी महत्त्व रखता है। ऐसे खरपतवारों के बीज को अंकुरित होते ही यदि
खेत की जुताई कर दें तो इनकी वानस्पतिक वृद्धि पहले वर्ष में असमर्थ रहती है और खरपतवार नष्ट हो जाते
है। द्विवर्षीय खरपतवार चूंकि दूसरे वर्ष में बीजों की उत्पत्ति करते हैं अत: इनकी वनस्पति को पहले वर्ष में
ही नष्ट कर देना आवश्यक होता है।
बहुवर्षीय खरपतवार अपना जनन, बीजों एवं वानस्पतिक अंगों, राइजोम, बल्ब, नट ट्यूबर आदि से करते हैं। अतः गहरी जुताई इस प्रकार के खरपतवार को नष्ट करने में सहायक है ।
(3) सहनशीलता (Susceptabilities)—खरपतवारों में विशेष रसायन के प्रयोग करने पर उनको सहन करने की क्षमता अलग अलग होती है। दो दाल (Dicotyledones) वाले अथवा चौडी पत्ती वाले खरपतवार 2,4-D नामक खरपतवारनाशी के प्रयोग करने पर नष्ट हो जाते हैं जबकि घास कुल के खरपतवार नष्ट नहीं होते।
(4) सुषुप्तावस्था का समय (Dormancy period)- कुछ खरपतवारों के बीजों का सुषप्त काल लम्बा होता है। खरपतवारों की रोकथाम में इसका ज्ञान आवश्यक है।
(5) बीजों का प्रतिकूल अवस्थाओं में बीजों की अंकुरण (Seed viability) क्षमता को बनाये रखना भी खरपतवारों की रोकथाम में ध्यान रखना आवश्यक है। कुछ खरपतवारों के बीज अपने बीजों के ऊपर इतना सख्त एवं मोटा आवरण रखते हैं कि अधिक ताप का प्रभाव भी उनकी अंकुरण शक्ति को नष्ट नहीं कर पाता। अत: इस प्रकार के खरपतवारों को बीज बनने से पहले भूमि में उखाड़ देना आवश्यक होता है।
(6) खरपतवारों की जनन की विधियों का ज्ञान होना भी खरपतवारों की रोकथाम में बहुत मदद करता है। जिन खरपतवारों का जनन बीजों से होता है उन्हें फूल आने तक समाप्त कर देना आवश्यक होता है! जिन खरपतवारों का जनन वानस्पतिक अंगों से होता है, उनके खेतों की जुताई करके खेत को खुला छोड़ना लाभप्रद होता है। इस प्रकार के खरपतवारों की लगातार यदि ऊपरी वनस्पति ही नष्ट करते रहें तो कुछ
समय बाद पौधों के लिये विभिन्न अंगों राइजोम्स, बल्ब, ट्युबर्स व नट आदि में एकत्रित खाद्य-पदार्थ समाप्त हो जायेगा और खरपतवारों की रोकथाम हो जायेगी।
(7) खरपतवारों के बीजों व जनन अंगों का विवरण व विस्तार खरपतवार के बीजों का वितरण व विस्तार किस प्रकार होता है, इसका ज्ञान भी खरपतवार की रोकथाम के लिये आवश्यक है। जिन साधनो से खरपतवारों का विस्तार होता है उनका विस्तृत वर्णन पहले किया जा चका है। यदि इन साधनों को ध्यान में रखा जाये तो खरपतवारों की रोकथाम में काफी सहायता मिल सकती है।

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