Cultivation of Potato , आलू की खेती

   Cultivation of Potato-आलू की खेती

Botanical Name - Solanum tuberosum

Family - Solaneceae

Chromosome No. - 24

Origin Place - South America 


जलवायु -

 आलू के सफल उत्पादन के लिये ठंडे मौसम की आवश्यकता होती है। इसके लिये 15 °- 25 ° सेंटीग्रेड तापमान उचित माना जाता है।

भूमि - 

जीवांश युक्त बलुई दोमट या सिल्ट दोमट भूमि इसकी खेती हेतु सर्वोत्तम मानी गई है। भूमि का ph मान 5-7 तक उत्तम माना जाता है।

भूमि की तैयारी -

आलू के कन्दों का विकास एवं बढ़वार मिट्टी के अंदर होता है।अतः मिट्टी की तैयारी का विशेष महत्व है कहने का अभिप्राय है कि भूमि का भुरभुरा होना नितांत आवश्यक है । प्रथम जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें । दूसरी एवं तीसरी जुताई हैरो या देशी हल से करें । 

उन्नत किस्मे-

कुफरी सिंदूरी
कुफरी चंद्रमुखी 
कुफरी ज्योति
कुफरी देवा
कुफरी स्वर्णा

बुबाई का समय

उत्तर भारत में -
सितम्बर - अक्टूबर 
अक्टूबर - नवम्बर
दिसम्बर - जनवरी

बुबाई की विधियां -

(1) समतल भूमि में आलू बोना 
(2) मेड़ों पर आलू बोना
(3) आलू बोने के बाद मिट्टी चढ़ाना 

खाद -

गोबर की खाद - 300 कुंटल /प्रति हेक्टेयर
नाइट्रोजन - 110 किलो / प्रति हेक्टेयर
फॉस्फोरस -  50 किलो / प्रति हेक्टेयर
पोटाश - 225 किलो  / प्रति हेक्टेयर

सिंचाई - 

पहली सिंचाई आलू बोने के 25 दिन पश्चात करनी चाहिए। इसके उपरांत 8 से 15 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए ।

उपज -

200 से 250 कुंटल प्रति हेक्टेयर ।
पछेती किस्मों में 300 - 400 क्विंटल तक उपज प्राप्त हो जाती है।

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