General Suggestions in Indian Perspective

कार्बनिक कृषि के प्रति भारतीय परिप्रेक्ष्य में सलाह

(General Suggestions in Indian Perspective)


(A) भारतीय कृषि विकास के जनक डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन कहते हैं कि आज भारत के लिये जरूरी हो गया है कि कृषि क्षेत्र में एक और क्रान्ति लाये जो कि निश्चित रूप से कार्बनिक खेती को अपनाना
है। उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि आदमी निम्न तीन मूल बिन्दुओं, जो कि कार्बनिक कृषि से सम्बन्धित हैं, के अनुसार बर्ताव करे-

Go -Go for organic food production to the extent possible by integrating resources
(विभिन्न संसाधनों का समाकलित उपयोग करते हुए अधिकतम संभव मात्रा में कार्बनिक खाद्यान्न उत्पन्न करें।)

 Get -Get organic food from market (बाजार से केवल कार्बनिक उत्पत्ति का ही खाद्यान्न खरीदें।)

 Set-Set organic style of living (अपनी जीवन शैली को सामान्य बनाये एवं केवल उन्हीं चीजों का प्रयोग करें जो स्थानीय है तथा जिनका पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।)

(B) आपका घरेलू या किसी भी तरह का कूड़ा एक अवशिष्ट नहीं बल्कि आपकी फसल के लिये बहुमूल्य खाद है। इसको व्यर्थ न करें। आपकी ऐसी सोच आपके आस-पड़ोस को साफ सुथरा रखने में भी
सहयोगी होगी।

(C) अपने पड़ोसी को भी उक्त विषय के महत्व के बारे में समझाये।

(D) अपने बच्चों को भी कार्बनिक कृषि एवं इसके महत्व के बारे में बताये।।
भारत जहाँ पर जनसंख्या घनत्व पहले से ही बहुत ज्यादा है, हम कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के भारी हिस्से पर खेती कर रहे हैं जो कि हमारी मजबूरी है, भारत में कार्बनिक खेती का पूर्ण अंगीकरण सम्भव नहीं
है। अत: भारतीय परिप्रेक्ष्य में किसानों को सलाह दी जानी चाहिये कि वे उर्वरकों की मात्रा को यथासम्भव कम करें तथा अधिक से अधिक पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु कार्बनिक खादों एवं जैव उर्वरक तथा कीट रोग एवं खरपतवार नियंत्रण हेतु समाकलित योजना (Integrated scheme) बनायें।

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